Friday 24 April 2015

किसान कि खुदखुशी पर राजनीति

दिल्ली मे किसान ने खुदखुशी करने कि घटना एक एसे मोक मोके पर लाकर खडा कर देता है कि सत्ताधिशो को सोचने के लिए मजबूर होना पडे । लेकिन  फिर भी ये राजकिय पार्टीयां कि निर्लज्जता तो देखीये, ये शवो पर राजनीति करने उतर जाती है।
प्रधानमंत्री बनने से पहले बिहार मे बम धमाका करवाकर उक्सानेवाला भाषण देनेवाला नरेन्द्र मोदी केजरीवाल को उपदेश दे रहा है। अपने आप मे झांककर क्यु नही देकते, क्यां कर रहे है वो ऐसा, कि एक किसान को राजस्थान से दिल्ही आकर खुदखुशी करनी पड रही है। सरकार उनकि है, समस्या भी उन्हो ने खड़ी कि है, समाधान भी वो सब लोगो को मिलकर करना है । फिर भी ये कुछ तरीका निकाल ने से पहले कोई ट्वीट्टर पर राजनीति करता है, तो कोई शेरीयो मे । कितने दिन पकती रहेगी ये तुम्हारी रोटीयाँ और कितने दिन तक शहीद होते रहेंगे किसान ।
समाज मे एक किसान ही एसा है जिसको खुदखुशी करनी पड रही है, आखीर क्युं, ईसलिए तो नही कि वो लोगो को गेहु, बाजरा लोगो को खीलाता है ।
आज गुजरात के एक गांव मे किसानने खुदखुशी करने का प्रयास किया लेकिन वो बच गया और पुलिस ने उसको गिरफ्तार कर लिया । उसका गुनाह यह कि वो बच गया? कंपनी ने उसकि पर विन्डफार्म लगा कर गेरकानुनी जमीन हडप ली थी । उसको कोई मिडीया भी मुद्दा नही बना रहा । आखीर इसलीए कि वो गुजरात है, वहां नरेन्द्र मोदी का पाप से उस कि जमीन गई है ।

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